हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,एक रिपोर्ट के अनुसार,हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन खुसरू पनाह ने कहां,अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपस्थिति और धर्मों के बीच संवाद शिया मत के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
क़ुम में आयोजित एक कार्यक्रम में इस्लाम शनासी पुस्तक के अरबी और अंग्रेज़ी अनुवाद के विमोचन के अवसर पर हुज्जतुल इस्लाम वल खसरू पनाह ने कहा,अंतर्राष्ट्रीय भाषा और सभ्यतामूलक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना और इस्लामी विषयों को शुरू करना आवश्यक है।
उन्होंने आगे कहा,हम तभी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफल हो सकते हैं जब हमारे पास सभ्यतामूलक और अंतर्राष्ट्रीय भाषा के विकास के दो बुनियादी पहलू मौजूद हों।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन खुसरू पनाह कहां,अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र के लिए विभिन्न पुस्तकों का अनुवाद सभ्यतामूलक दृष्टिकोण को दर्शाता है उन पुस्तकों का अनुवाद करने का प्रयास किया जा रहा है जो अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में उपयोगी और आवश्यक हैं जैसे मानवीय ज्ञान और इस्लाम साज़ी मे बदलाव।
उन्होंने कहा,मानवीय और इस्लामी विषयों की जड़ें दर्शनशास्त्र और सामाजिक प्रवृत्तियों में हैं, मानवीय विज्ञान के विभिन्न विषयों पर पुस्तकों का संकलन वास्तविक अवलोकन के आधार पर किया गया है इसी संदर्भ में मैंने कई देशों की यात्रा की और सूफ़ीवाद सहित विभिन्न विषयों पर नज़दीकी से शोध किया।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन खुसरू पनाह ने कहां,जब मैं प्रसिद्ध शिक्षकों और दार्शनिकों के साथ शिक्षा प्राप्त कर रहा था मेरी कोशिश यही थी कि पुस्तकों की रचना में वास्तविकता को करीब से देखूं उदाहरण के लिए शैतान पूजा और संगीत जैसे विषयों पर शोध किया हैं।
उन्होंने कहा,अगर आप किसी विषय को नज़दीकी से जानते हैं तो उस पर किताब लिखना और उससे जुड़े आपत्तियों और शंकाओं का बेहतर उत्तर देना संभव है इसी उद्देश्य से मैंने क़ुम में एक केंद्र स्थापित किया जो बाद में व्यावहारिक रूप से सक्रिय हो गया हैं।
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